काम की बात, पार्ट -2
कर्ज से मुक्ति
आदरणीय जहाँ तक हमने
सोचा समझा और सुना है
उसके आधार पर आज ये
विचार लिखे गए है आप
सहमत भी हो सकते है और
असहमत भी हो सकते है ये
आपके नजरिये पर निर्भर
करता है कि आप किस
नजरिये से देखते है गिलास
आधा भरा या गिलास आधा
खाली
बच्चा जन्म के समय आर्थिक
रूप से कर्ज मुक्त कहलाता है
लेकिन ये अधूरा सत्य है
क्योकि ये जिस देश के आप
नागरिक है उस देश /राज्य की
सरकार पर निर्भर करता है कि
उन्होंने जनता के नाम पर कर्ज
लिया है या नही अगर कर्ज
लिया है तब बच्चे से लेकर
बूजुर्ग तक सब कर्जवान
कहलाते है बेसक आपकी
आर्थिक स्थिति जो मर्जी क्यो
न हो
आपने स्वयं कर्ज किया हो या
ना लिया हो अगर आपकी
सरकार ने जनता के नाम पर
कर्ज लिया है तब आप
कर्जदार हो इतना ध्यान रखे
अब बात आती है कर्ज से
मुक्ति कब
इसके लिये आप अकेले कुछ
नही कर सकते बल्कि इसके
लिये सरकार में बैठे नेताओ
और अधिकारियों की
जिम्मेदारी बनती है कि वो हर
सम्भव प्रयास कर अपने देश /
राज्य को कर्ज मुक्त बनाये ताकि
जनता की आर्थिक रूप से
सम्रद्धि ज्यादा हो तथा जनता
से लिया जाने वाले टैक्स से
जनहित में ज्यादा बेहतर
सुविधाएं दे पाए
हमने सरकार के बीते कुछ वर्षो
के कार्यकाल को सुनने समझने
के बाद ये निष्कर्ष पाया है कि
आप इस जन्म में कर्ज मुक्त
नही हो सकते वजह सरकार
की नीतियां जनता के विरुद्ध
और भारत की व्यवस्था भृष्ट
हो चुकी है
ये जनता के नाम पर बैंकों से
कर्ज लेकर /जनता से
अनेकानेक प्रकार के टेक्स
वसूलने के बावजूद आज इस
मोड़ पर है कि 1947 से लेकर
2014 आने तक देश पर
जितना विदेशी कर्ज था अब
वो बढ़कर दोगुने से अधिक हो
चुका है और घटने की
सम्भवना नजर नही आ रही
क्योकि वर्तमान सरकार की
नीति कर्ज लेकर घी पीकर
सोने जैसी है
बीते वर्षो में देश की सम्पतियों
को निजी हाथों में सौंपा जा है
बहुत सी सम्पति को बेचा जा
रहा है इससे लगता है सरकार
जनता को बर्बाद करने की
कसम खा चुकी है
और यही वजह है दिन प्रतिदिन
देश मे महंगाई बढ़ती जा रही
है
जनता को मिलने वाले लाभ में
कटौती की जा रही है
सरकारी नोकरिया कम की जा
रही है
टैक्स में बढ़ोतरी बढ़ती जा
रही है
इन सबसे हमे लगता है सरकार
देश को पूरी तरह से प्राइवेट
हाथों में सौपकर स्वयं की
जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ना
चाहती है और जनता से लिये
टेक्स से नेताओ तथा
अधिकारियों को ऐशोआराम
की तमाम सुविधाये और वेतन
/पेंशन आदि अनेक लाभ दिए
जा रहे है
सोचिये देश किस दिशा में जा
रहा है क्या इस तरह से आप
हम सब कर्जमुक्त कहला
सकते है
क्या जनता का विकास हो
पायेगा कभी ?
आज के लिये इतना ही
बाकी फिर कभी
धन्यवाद
ॐ नमो---///----
🌹
मैढ़ क्षत्रिय स्वर्णकार समाज भवन पुष्कर की प्रथम मंजिल का कार्य हो रहा है
पुष्कर में मैढ़ क्षत्रिय समाज
भवन प्रथम मंजिल का हो
रहे कार्य को नीचे दिए लिंक
पर देखे
https://youtu.be/ViWPD2sfyMU
काम की बात , पार्ट -1
काम की बात , पार्ट 1
हमारा मानना है देश मे चलने
वाले बहुत से नोट (रुपये) मुद्रा
नही है
बल्कि ये एक रसीद (विश्वास)
मात्र है
जिन पर लिखा होता है
मैं धारक को इतने रुपये अदा
करने का वचन देता हूं
सोचिये अगर ये लाइन नोट पर
लिखी गई है तब इसका उद्देश्य
क्या है मतलब यही की इस पर
लिखी ये लाइन और रिजर्व बैंक
अधिकारी के हस्ताक्षर सिद्ध
करते है कि इन्होंने उस रसीद
के बदले रुपये अदा करने का
वचन दिया है जिस किसी के
पास जितने रुपये का नोट होगा
उसके बदले में आप हम समान
खरीद बेच सकते है और
जरूरत अनुसार एक दूसरे से
या बैंकों से लेन देन कर सकते
है
कल को भारत सरकार अगर
चाहे तो पहले कि भांति घोषणा
कर तय समय सीमा में आपके
रुपये वाले नोट बैंकों में जमा
करवा सकती है और जो कोई
सरकार द्वारा तय समय सीमा
में उस नोट को ना तो बैंकों में
जमा करवाएगा और ना ही
अन्य माध्यम से बदलवा पायेगा
उस व्यक्ति के पास जितने भी
रुपये वाले वो नोट होंगे जिन्हें
सरकार ने बैन किया हो वो सब
रद्दी मात्र रह जाएंगे
ऐसा क्यो होता है ऐसा इसलिये
होता है ताकि सरकार देश मे
चल रहे नकली नोटों पर अंकुश
लगा सके या सरकार को उन
नोटो से अन्य किसी प्रकार
खतरा नजर आता हो जैसे कि
जमा खोरी /भृष्टाचार के
माध्यम अपराधी परवर्ती के
लोगो के पास इकट्ठा किये गए
नोट हो
अगर ये नोट मुद्रा नही तो फिर
किस नोट को आप मुद्रा कह
सकते है
हमारा मानना है जिस नोट पर
मैं धारक को इतने रुपये अदा
करने का वचन देता हूं ये लाइन
नही लिखी हो
नोट पर रिजर्व बैंक अधिकारी
के हस्ताक्षर नही बल्कि भारत
सरकार के वित्त सचिव के
हस्ताक्षर किए गए हो उस नोट
को आप हम मुद्रा कह सकते है
क्योकि उस नोट की गरेन्टी
आपको बैंक नही बल्कि भारत
सरकार देती है
वर्तमान में आप सबने देखा
होगा कि एक दो पांच रुपये के
नोट बेहद कम चलन में है
लेकिन फिर भी जिन नोट पर
वित्त मंत्री के हस्ताक्षर हो उन
नोट को भारत सरकार लेने से
मना नही कर सकती बेसक
कल को रिजर्व बैंक दिवालिया
क्यो न हो जाए
बैंक सरकार नही केवल सरकार
की मान्यता प्राप्त एक संस्था है
जिसका उद्देश्य नोट छापने से
अन्य बहुत से कार्य होते है जैसे
कर्ज पर रुपया देना हो देश में
बढ़ती /घटती महंगाई को
नियंत्रित करना आदि होते है
अगर भारत सच मे आजाद देश
है तब तो भारत सरकार को
चाहिये कि ऐसे नोट जारी करे
जिन पर वित्त मंत्री के हस्ताक्षर
हो और मैं धारक को ---रुपये
अदा करने का वचन नही दिया
गया हो
हम नही जानते भारत सरकार
इसको करने में कितनी सक्षम
है लेकिन हमारा मानना है देश
में नोटो के नामपर भृमजाल
नही बल्कि सरकार से गारेंटी
प्राप्त नॉट जारी होने चाहिये
जिन्हें मुद्रा कहा जा सके
आज के लिये इतना ही बाकी
फिर कभी
धन्यवाद
ॐ नमो ---///----
🌹
रिश्ते
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मैढ़ क्षत्रिय समाज के गोत्र एवं कुलदेविया पार्ट 1
मैढ़ क्षत्रिय वंश के गोत्र एवं कुलदेवी की जानकारी
अग्रोया - दिल्ली के तुंवर राजा अनंगपाल के वंश में भेरवाल नाम के राजा के भावड़ा नामक पुत्र हुआ ! भावडा के दो पुत्रों हुए ! इनमे से एक गढ़ अगरूव (वर्तमान अग्रोहा) जाकर बस गया ! दूसरा कडवल ग्राम में बस गया ! अग्रोहा गांव में बसने से अग्रोया गोत्र की प्रवर्ति हुई ! ये कालका देवी की पूजा करते थे ! चन्द्रवंश में तुंवर वंश की कुलदेवी योगवश्वरी /योगमाया है ! देवी का प्राचीन मंदिर दिल्ली के कुतब मीनार के नजदीक है ! मैढ़ जाति के भाट -बडवो के अनुसार इस खाप की कुलदेवी महालक्ष्मी है ! इसका एक नाम चिलाय ,शाणोर ,सारंग देवी है जिसका मंदिर सरूड (पाटन) तंवरवाटी में है ! योगमाया देवी का एक मंदिर जोधपुर से लगभग 35 कि. मी. दूर दुग्गर नामक गाँव मे अवस्थित है !!
★★★★★★★★★★★★★★
*अधेरे* - यह दहिया वंश की खाँप है जिसकी कुलदेवी कैवाय माता है ! देवी का मंदिर नागौर जिले के परबतसर कस्बे के निकट किणसरिया गांव में है !
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*अंचल/अंचलिया /आँचल* - यह चौहान वंश की खाँप है जिसकी कुलदेवी शाकम्बरी /आशापुरी है ! देवी का प्राचीन मंदिर नागौर जिले के सांभर गांव तथा नाडोल में है ! सांभर में शाकम्भरी व नाडोल में आशापुरा नाम से मंदिर है ! ओसवाल जाति का इतिहास ग्रँथ में इन्हें मारवाड़ परगने का मूल निवासी बतलाया गया है !
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*अचील* - यह चौहान वंश की खाँप है /इसकी कुलदेवी शाकम्भरी /आशापुरा है
★★★★★★★★★★★★★★
*अजवाल* - यह चौहान वंश की खाँप है इसकी कुलदेवी शाकम्भरी /आशापुरा है
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*अजोरा /आजोरा* - यह चौहान वंश की खाँप है इसकी कुलदेवी शाकम्भरी /आशापुरा है
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*अडवाल* - राठौड़ वंश रावल मल्लीनाथ के नौ पुत्रो में से एक पुत्र राव रिड़मल के पुत्र अड़वाल से यह शाखा निकली है ! इसकी कुलदेवी नागणेचिया है जिसका मंदिर जोधपुर के निकट नागाणा गांव ( पचपदरा के समीप ) है ! देवी के मंदिर बीकानेर व जोधपुर में भी है
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*अड़ानिया* -यह चौहान वंश की खाँप है इसकी कुलदेवी शाकम्भरी /आशापुरा है
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*अदहके* -यह दहिया वंश की खाप है ! इसकी कुलदेवी कैवाय माता है !
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*अदोक* - यह दहिया वंश की खाँप है इसकी कुलदेवी कैवाय माता है !
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*अभ्यपुरिया* - राठौड़ वंशी पाटवी राजा अभयराज ने अभयपुर बसाया ! इसके वंशज अभ्यपुरिया कहलाये ! इसकी कुलदेवी नागणेचिया
है
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*अमरवाल* - यह चौहान वंश की खाँप है इसकी कुलदेवी शाकम्भरी /आशापुरा है !
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*अलदायण* - यह दाहिमा वंश की खाँप है इसकी कुलदेवी दधिमती माता है ! देवी का मंदिर नागौर जिले के गोठमांगलोद गांव में है !
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*अलवाण* - यह दाहिमा वंश की खाँप है इसकी कुलदेवी दधिमती माता है !
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*अहिके* - यह दाहिमा वंश की खाँप है ! इसकी कुलदेवी दधिमती माता है!
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*अत्रपूरा* -यह चौहान वंश की खाँप है ! इसकी कुलदेवी शाकम्भरी है !
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*आमोरा* - यह चौहान वंश की खाँप है ! इसकी कुलदेवी शाकम्भरी है !
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*आसट* - यह तुंवर वंश की खाँप है ! इसकी कुलदेवी योगेश्वरी है !
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*आहोरिया* - यह चौहान वंश की खाँप है ! इसकी कुलदेवी शाकम्भरी है !
★★★★★★★★★★★★★★
*उज्जैनी* - उज्जैन के राजा शुरशाह की संतान उज्जैनी कहलाई ! इनकी कुलदेवी सच्चियाय माता है जिसका मंदिर जोधपुर के ओसियां गांव में स्थित है !
★★★★★★★★★★★★★★
*उदावत*- राठौड़ राव रणमल ( रीड़मल ) के पुत्र जोधा के पौत्र व सूजा के पुत्र उदा के वंशज उदावत कहलाये ! इनकी कुलदेवी नागणेचिया है ! *गहलोत* के अनुसार राठौड़ वंशी राव कान्हदेव के पुत्र उदा से यह खाँप निकली है ! राजपूत वंशावली में इसे हाड़ा चौहानों की शाखा बताई गई है !
★★★★★★★★★★★★★★
*ऊन /ऊनड़* -
इस खाँप का वास्तविक नाम ऊनड़ है ! यह राठौड़ वंश की खाप है जिसकी कुलदेवी नागणेचिया है ! राठौड़ राजा धुहड़ के एक पुत्र ऊंनड़जी से इस खाँप का उदय हुआ !
★★★★★★★★★★★★★★
*एकेबार* -यह चौहान वंश के महता राजपूतों की शाखा है ! इसकी कुलदेवी शाकम्भरी है ! इस शाखा के लोग बुलंदशहर क्षेत्र में वास करते है
★★★★★★★★★★★★★★
धन्यवाद
इसके आगे के गोत्रों की जानकारी अगले भाग में दी जाएगी इसलिये बने रहे हमारे साथ 💐🙏🏻💐
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●जानकारी प्राप्त -पुस्तक●-👇🏻
*मैढ़ क्षत्रिय वंश*
के
*गोत्र और कुलदेविया*
कुक्कस /कुकसा/कुकरा गोत्र की जानकारी
कुकरा /कुकसा
वंश -चौहान
कुलदेवी -शाकम्बरी
गोत्र - कुक्कस
वंश -दाहिमा
कुलदेवी -दधिमती माता
कुछ कुक्कस परिवार स्वयं को कुकरा बताने लगे है
इसकी जानकारी पंडे के पास दोनो ही परिवारों के
द्वारा लिखवाई हुई है
इसलिये हमारा सुझाव है कि कुक्कस /कुकसा/कुकरा को एक
ही मानकर चले कल को ऐसा ना हो कि आप आपस मे अपने
ही परिवार के बेटे बेटी के आपस मे सगाई /विवाह कर बड़ी
गलती कर बैठे
इतिहास को जिस दिन आपने समझ लिया उस दिन
आप जान जाएंगे कि ये गोत्र एक ही वंश की शाखाएं है
जिन्हें कही चौहान कही दाहिमा वंश के बताया जाता हैं
जबकि एक सच ये है कि शाकम्भरी माता की स्थापना
चौहान वंशज ने कि थी इसलिये दाहिमा क्षत्रिय
भी शाकम्भरी माता को पूजते है
दाहिमा क्षत्रियो को स्वयं के इतिहास की जानकारी अनेक
कारणों से नही मिल पाई इसलिये बिखर गए है
जिनका पुनः एक हो पाना सम्भव नही शायद कारण
आधुनिक युग आधुनिक सोच के लोग
इतिहास में रुचि कम ले रहे है
और धन कमाने दिखावटी शानोशौकत के पीछे दौड़ रहे है
एक बात और नागौर और हांसी रियासत
कभी दाहिमा क्षत्रियो को चौहान परिवार से मिली थी
गोगना गोत्र की जानकारी
★★★★★★★★★★★★★★
*गोगना* - यह तुंवर वंश की खाप है !
इसकी कुलदेवी योगेश्वरी है !
मैढ़ जाति के भाट बडवो के अनुसार
इसकी कुलदेवी भद्रकलिका है
जिसका मन्दिर हनुमानगढ़ में है!
★★★★★★★★★★★★★★
तारापुरिया गोत्र की जानकारी
★★★★★★★★★★★★★★
*तारापुरिया* -राठौड़ वंश में राव श्रीपुंज
के 13 पुत्रों में एक पुत्र चाँद हुआ !
उसके पुत्र ने तारापुर , तेहरा ,
बघलाना गांव बसाये !
तारापुर से तारापुरिया खाप
का उदय हुआ !
इस खाप की कुलदेवी नागणेचिया है !"
★★★★★★★★★★★★★★
धूपड़ गोत्र की जानकारी
★★★★★★★★★★★★★★
*धूपड़* - यह चौहान वंश में मोहिल शाखा की खाप है
! इसकी कुलदेवी शाकम्भरी है !
भाटो के अनुसार चामुण्डा है !
धूपड़ और डाँवर का मूल स्रोत एक ही है !
★★★★★★★★★★★★★★
जांगलवा गोत्र की जानकारी
★★★★★★★★★★★★★★
*जांगलवा* - यह पंवार वंश में सांखला शाखा की खाप है !
इसकी कुलदेवी सच्चियाय माता है !
पंवार वंश में बाघा के वंशज सांखला कहलाये !
बाघा के बैरसी , बैरसी के राणा राजपाल
और राजपाल के महिपाल नामक पुत्र से जांगलवा खाप निकली !
ठा. बहादुरसिंह के अनुसार पंवार वंश के उदियादत्त
के वंशज जांगलू क्षेत्र में रहते थे !
जांगलू में रहने से जांगलवा खाप निकली !"
मैढ़ जाति के भाटो के अनुसार इनकी कुलदेवी चामुंडा है !
जिसका मन्दिर पाली जिले में है !
★★★★★★★★★★★★★★
नारनोली/सुगन्ध गोत्र की जानकारी
★★★★★★★★★★★★★★
*नारनोली/ सुगन्ध* -यह तुंवर वँश की खाप है !
इसकी कुलदेवी योगेश्वरी है !
इस खाप को सुगन्ध भी कहते है !
महाराजा अनंगपाल के अनेक पुत्र
झालरापाटन में रहे !
सुगन्ध नाम के उनके एक वंशज ने नारनोल
में निवास किया
उसकी सन्तान नारनोली कहलाई !
★★★★★★★★★★★★★★
तोसावड़ गोत्र की जानकारी
★★★★★★★★★★★★★
*तोसावड़* - यह चौहान वंश की खाप है !
इसकी कुलदेवी शाकम्भरी है !
मैढ़ जाति के भाटो के अनुसार आशापुरा है !
शाकम्भरी व आशापुरा दोनो एक ही देवी के नाम है !
★★★★★★★★★★★★★★
तूणगर गोत्र की जानकारी
★★★★★★★★★★★★★★
*तूणगर* -यह चन्द्र वंशी यादवो की खाप है !
वर्तमान बयाना से करीबन 23 कि. मी. दक्षिण में तवनगढ़ है
जिसको त्रिभुवनगढ़ भी कहते है ! इस वंश में
सम्राट विजयपाल के पश्चात उसके ज्येष्ठ पुत्र
तिहुंनपाल (तवनपाल ) ग्याहरवीं शताब्दी में गद्दी पर बैठा !
इसने त्योहनगढ़ को अपनी राजधानी बनाया !
इनकी कुलदेवी योगेश्वरी /शारदा है !
★★★★★★★★★★★★★★
उदावत गोत्र की जानकारी
★★★★★★★★★★★★★★
*उदावत*- राठौड़ राव रणमल ( रीड़मल )
के पुत्र जोधा के पौत्र व सूजा के पुत्र
उदा के वंशज उदावत कहलाये !
इनकी कुलदेवी नागणेचिया है !
*गहलोत* के अनुसार राठौड़ वंशी राव
कान्हदेव के पुत्र उदा से यह खाँप निकली है !
राजपूत वंशावली में इसे हाड़ा
चौहानों की शाखा बताई गई है !
★★★★★★★★★★★★★★
अग्रोया गोत्र की जानकारी
◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆
अग्रोया - दिल्ली के तुंवर राजा अनंगपाल के वंश में भेरवाल नाम के राजा के भावड़ा नामक पुत्र हुआ ! भावडा के दो पुत्रों हुए ! इनमे से एक गढ़ अगरूव (वर्तमान अग्रोहा) जाकर बस गया ! दूसरा कडवल ग्राम में बस गया ! अग्रोहा गांव में बसने से अग्रोया गोत्र की प्रवर्ति हुई ! ये कालका देवी की पूजा करते थे ! चन्द्रवंश में तुंवर वंश की कुलदेवी योगवश्वरी /योगमाया है ! देवी का प्राचीन मंदिर दिल्ली के कुतब मीनार के नजदीक है ! मैढ़ जाति के भाट -बडवो के अनुसार इस खाप की कुलदेवी महालक्ष्मी है ! इसका एक नाम चिलाय ,शाणोर ,सारंग देवी है जिसका मंदिर सरूड (पाटन) तंवरवाटी में है ! योगमाया देवी का एक मंदिर जोधपुर से लगभग 35 कि. मी. दूर दुग्गर नामक गाँव मे अवस्थित है !!सुरजनवाल गोत्र की जानकारी
सुरजनवाल गोत्र की जानकारी
खाप - सुरजनवाल
नख - तुंवर
पुरखा - सुरजन
निकास - दिल्ली
कुलदेवी - संचाय माता
उपरोक्त जानकारी मैढ़ क्षत्रिय स्वर्णकार जाति का इतिहास पुस्तल से प्राप्त जानकारी अनुसार लिखी गई है
हमारा लक्ष्य समाजिक हित मे प्राप्त समाज तक सत्य और सही जानकारी पहुंचना मात्र है
शुगर कंट्रोल करने के उपाय
शुगर करने के उपाय
1 प्रतिदिन पैदल घूमे या मेहनत
कार्य करे ताकि शरीर से
पसीना निकले इससे शुगर
लेवल कम होता है
2 चाय या कॉफी का सेवन
नही करे अगर मन हो तब
हल्का गुनगुना पानी घुट घुट
कर चाय /कॉफी की भांति
पिए इससे आपको
लाभ मिलेगा
3 प्रतिदिन भुने हुवे चने
या भुने चने का पावडर
बनाकर खाये इससे
शुगर कंट्रोल होगा
4 चीनी से बनी मिठाई या
अन्य चीज टॉफी /केक /
आइसक्रीम आदि नही खाये
5 शुगर समय समय पर
चैक करते रहे या डॉक्टर
से चैक करवाये
6 भूखे नही रहे बल्कि
भूख अनुसार खाये किन्तु
एक समय मे कम मात्रा में
भोजन करे बेसक बाद
में भूख लगे तब खाये
7 प्रतिदिन योग या
व्यायाम अवश्य करे
8 डॉक्टर के बताए परहेज
एव दवाओं का सेवन
समय अनुसार अवश्य करे
ऊपर बताये गए उपाय हमारी
राय है इन्हें आप
अपने डॉक्टर से सलाह कर
जो उपाय उचित लगे
कर सकते है
धन्यवाद
ॐ नमो---///----
🌹
बार बार सिर चकराना
*बार-बार सिर का चकराना*:--- *कारण*--बीपी का असामान्य तौर पर बढ़ना या घटना,शरीर में पानी, सोडियम या हिमोग्लोबीन की कमी से भी हो सकता है या म...
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