कुकरा /कुकसा
वंश -चौहान
कुलदेवी -शाकम्बरी
गोत्र - कुक्कस
वंश -दाहिमा
कुलदेवी -दधिमती माता
कुछ कुक्कस परिवार स्वयं को कुकरा बताने लगे है
इसकी जानकारी पंडे के पास दोनो ही परिवारों के
द्वारा लिखवाई हुई है
इसलिये हमारा सुझाव है कि कुक्कस /कुकसा/कुकरा को एक
ही मानकर चले कल को ऐसा ना हो कि आप आपस मे अपने
ही परिवार के बेटे बेटी के आपस मे सगाई /विवाह कर बड़ी
गलती कर बैठे
इतिहास को जिस दिन आपने समझ लिया उस दिन
आप जान जाएंगे कि ये गोत्र एक ही वंश की शाखाएं है
जिन्हें कही चौहान कही दाहिमा वंश के बताया जाता हैं
जबकि एक सच ये है कि शाकम्भरी माता की स्थापना
चौहान वंशज ने कि थी इसलिये दाहिमा क्षत्रिय
भी शाकम्भरी माता को पूजते है
दाहिमा क्षत्रियो को स्वयं के इतिहास की जानकारी अनेक
कारणों से नही मिल पाई इसलिये बिखर गए है
जिनका पुनः एक हो पाना सम्भव नही शायद कारण
आधुनिक युग आधुनिक सोच के लोग
इतिहास में रुचि कम ले रहे है
और धन कमाने दिखावटी शानोशौकत के पीछे दौड़ रहे है
एक बात और नागौर और हांसी रियासत
कभी दाहिमा क्षत्रियो को चौहान परिवार से मिली थी